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Homeराजनीतिअतिक्रमण हटाने को लेकर साबर विवाद की स्थिति निर्मित थाना पहुंचा मामला,,,,,

अतिक्रमण हटाने को लेकर साबर विवाद की स्थिति निर्मित थाना पहुंचा मामला,,,,,

अतिक्रमण हटाने को लेकर साबर विवाद की स्थिति निर्मित थाना पहुंचा मामला,,,,,

केशव साहू कसडोल। शासकीय जमीन पर हो रहे अतिक्रमण के चलते गांवों का विकास बाधित रही है।खाली मैदान से लेकर तालाब, स्कूल परिसर, श्मशान घाट, चारागाह जमीन पर भी कब्जा होने एवं दिन-ब-दिन बढ़ रहे अतिक्रमण के चलते लोगों को आनेजाने में परेशानी हों रही है।इन्ही सब परेशानियों से निजात पाने के लिए गांव के सभी लोगों के द्वारा एक मत होकर शासकीय जमीनों को अतिक्रमण को स्वतः हटाने के लिए गांव स्तर पर प्रस्ताव पारित किया गया तत्पश्चात दूसरे दिन पूरे गांव वालों के द्वारा जे सी बी मशीन से अतिक्रमित जमीनों को मुक्त करते हुए बेतरतीब घेरे एवं कुछ कच्चे या पक्के दीवारों को ढहाये जाने की प्रक्रिया की जा रही थी।

तभी गांव से कुछ अतिक्रमण धारियों को अतिक्रमण हटाने कि बात रास नहीं आई उन्होंने निजी जमीन के हिस्से को ढहाये जाने की शिकायत कसडोल थाने में कर दी गई। थाने पर मिली शिकायत पर गांव में विवाद उत्पन्न होने की स्थिति को भांपते हुए पुलिस बल द्वारा तत्काल गांव जा कर कब्जा हटाने की प्रक्रिया के खिलाफ उमड़ी भीड़ को आपसी सलाह से समस्या का समाधान करने की समझाइश दी गई।मिली जानकारी के अनुसार मामला कसडोल थाना अंतर्गत ग्राम साबर की है। जहाँ पूर्व में गांव स्तर पर पारित किए गए प्रस्ताव के अनुसार सभी गांव वालों द्वारा अवैध कब्जों को मुक्त कराने की प्रक्रिया की जा रहीं थी।

थाने में शिकायत करने वालों का आरोप हैं , हमारे द्वारा विगत 35 से 40 वर्षों से काबिज़ जमीनों को गांव के धनाढ्य, संपन्न एवं दबंग व्यक्तियों द्वारा बेवजह बेदखल करने की नीयत से आये दिन किसी न किसी बहाने से हमें प्रताड़ित किया जा रहा है, औपचारिकता के लिए अपने द्वारा कुछ ही समय पहले काबिज सीमित जगहों पर से बेदखली दिखा कर हमारे पूर्वजों द्वारा काबिज जमीनों से हमें बेदखल करने षड्यंत्र रचा जा रहा है। साथ ही उन्होंने बताया ,कि गांव को दो फाड़ करने और विवाद की स्थिति निर्मित करने में सरपंच का ही हाथ है ,जो एक ओर जहां गांव के विकास की बात कहकर सम्पन्न वर्ग के लोगों के दिमाग में जहर घोलता है, तो दूसरी ओर हम पीड़ित लोगों को दूसरे पक्ष के साथ जूझने पर उकसाता है।

ज्ञात हो ,की पूर्व में भी बेजा कब्जा हटाने गांव स्तर पर बैठक किए जाने एवं स्वतः कार्रवाही संबंधी चर्चाओं पर सरपंच,सरपंच प्रतिनिधि सहित अन्य 5-6 पंचों का उपस्थित नहीं होने को लेकर उनकी भूमिका को संदिग्ध दर्शाते हुये तहसीलदार कसडोल एवं बलौदाबाजार ज़िले के कलेक्टर से ग्रामीणों द्वारा शिकायत किया है। 

मंजुलता राठौर, थाना प्रभारी कसडोल चूंकि मामला राजस्व विभाग से सम्बंधित है ,शिकायत मिलने पर विवाद न हो इसलिए जाकर गांव वालों को हमारे द्वारा समझाईस दी गई है , इस मामले को लेकर तहसीलदार को प्रतिवेदन दे दी जावेगी।

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